||अनन्य अंक अनन्न्यांकिता, Mother Land, the ||  

|| सजीव जगजीवन, जीवेत विश्व विश्वेर विश्वम ||

 भारत गरिमा गौरव गाथा

भारत गौरव, गौरव शाली भारत |

भारत वैभव, वैभव शाली भारत |

श्रेष्ठ है भारत! सर्वश्रेष्ठ है धरतीमाता माँ वसुंधरा!! श्रेष्ठतम हैं विश्वमण्डल !!!

भारत राष्ट्रधर्म-जगतधर्म से विश्वधर्म परायणता की ओर अग्रेसर

सुचारू राष्ट्र, जगत सन्मैत्रि, सर्वांग विकास औ सुशांति

विश्व, जगजगत  धरती  है तो ही राष्ट्र है

“अहर्निशं सेवामहे”

राष्ट्र प्रगति से जगजगत-विश्व प्रगति की ओर . . .  अथक प्रयत्नशील, अविरत कार्यरत